जमशेदपुर, 11 अक्टूबर - जमशेदपुर एफसी के डिफेंडर मेसी बाउली ने डीबीएमएस स्कूल ऑफ एजुकेशन के दिवाली मेले में छात्रों और शिक्षकों के साथ रोशनी के त्योहार का जश्न मनाते हुए खुशी और उत्साह का संचार किया. यह कार्यक्रम रचनात्मकता और समावेशिता का एक मंच था, जिसमें दिव्यांग बच्चों द्वारा बनाए गए हस्तनिर्मित दीयों, लोक कलाओं, हथकरघा और शिल्प के स्टॉल शामिल थे.
बाउली का दौरा मेले का एक मुख्य आकर्षण रहा, क्योंकि उन्होंने छात्रों से बातचीत की, प्रत्येक स्टॉल का दौरा किया और उनके साथ खेल भी खेले, जिससे पूरे परिसर में अविस्मरणीय पल बने. इस कार्यक्रम में मेहमानों को दिव्यांग व्यक्तियों द्वारा बनाई गई घर की बनी चॉकलेट का स्वाद लेने का भी मौका मिला, जिससे उत्सव का माहौल और भी बढ़ गया.
छात्रों और शिक्षकों के साथ समय बिताने के बाद, बाउली ने आग्रह किया और कहा, "आइए इस दिवाली अपने स्थानीय लोगों का समर्थन करें. दिवाली के बारे में जानना और यहाँ के छात्रों व शिक्षकों द्वारा किए जा रहे अद्भुत कार्य को देखना एक अद्भुत अनुभव था. उनकी रचनात्मकता और समर्पण वाकई प्रेरणादायक है."
डीबीएमएस स्कूल ऑफ एजुकेशन में दिवाली मेला, छात्रों, खासकर विशेष आवश्यकता वाले छात्रों के बीच समावेशिता और रचनात्मकता को बढ़ावा देने के लिए संस्थान की प्रतिबद्धता का प्रमाण है. उनकी प्रतिभा और कृतियों को प्रदर्शित करके, इस आयोजन का उद्देश्य इन छात्रों को सशक्त बनाना और उनमें अपनेपन और आत्मविश्वास की भावना पैदा करना है.
बौली के दिवाली मेले के दौरे ने न केवल छात्रों को खुशी दी, बल्कि स्थानीय कारीगरों का समर्थन करने और हमारे समुदायों में समावेशिता को बढ़ावा देने के महत्व पर भी प्रकाश डाला. प्रकाश के इस त्योहार को मनाते हुए, हमें सभी व्यक्तियों के प्रति, चाहे उनकी क्षमताएँ कुछ भी हों, सहानुभूति, करुणा और दया के मूल्य को याद रखना चाहिए.